BNS Section 7 in Hindi – भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 7 यह निर्दिष्ट करती है कि कारावास की प्रकृति को अदालत द्वारा कैसे तय किया जा सकता है। यह प्रावधान अदालत को यह निर्णय लेने की सुविधा देता है कि सजा पूर्णतः कठोर, पूर्णतः साधारण, या दोनों का संयोजन हो।
BNS Section 7 in Hindi
पहलू | विवरण |
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कारावास का प्रकार | कठोर, साधारण, या दोनों का मिश्रण |
अदालत का अधिकार | कारावास की प्रकृति तय करने का पूर्ण अधिकार |
केन्द्र बिंदु | अपराध की गंभीरता के अनुसार सजा का निर्धारण |
संयोजन की अनुमति | सजा को कठोर और साधारण दोनों रूपों में विभाजित किया जा सकता है |
किसी भी प्रकार के कारावास की अवधारणा
- धारा 7 उन मामलों पर लागू होती है जहाँ अपराध के लिए किसी भी प्रकार के कारावास की सजा दी जा सकती है।
- “किसी भी प्रकार” का अर्थ है कि अदालत कठोर कारावास (श्रम सहित) या साधारण कारावास (बिना श्रम) में से कोई एक चुन सकती है।
अदालत का अधिकार
अदालत निम्नलिखित प्रकार की सजा दे सकती है:
- पूर्णतः कठोर कारावास: पूरी अवधि में श्रम कार्य करना होगा।
- पूर्णतः साधारण कारावास: पूरी अवधि में केवल कैद होगी, बिना किसी श्रम कार्य के।
- मिश्रित सजा: सजा का एक हिस्सा कठोर और दूसरा साधारण हो सकता है।
कारावास के प्रकार: विवरण
प्रकार | विवरण |
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कठोर | कठोर परिश्रम जैसे उद्योग, निर्माण या अन्य शारीरिक कार्य। |
साधारण | केवल कैद, बिना किसी श्रम कार्य के। स्वतंत्रता की समाप्ति पर केंद्रित। |
संयोजन | सजा के कुछ हिस्से में श्रम और कुछ हिस्से में बिना श्रम। |
धारा 7 के व्यावहारिक प्रभाव
- न्यायिक लचीलापन:
- अदालत अपराध की प्रकृति और परिस्थितियों के आधार पर सजा तय कर सकती है।
- उदाहरण: एक मामूली अपराधी को आंशिक कठोर और आंशिक साधारण सजा दी जा सकती है।
- सजा में विविधता:
- सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप हो सकती है।
- यह अत्यधिक कठोर या अत्यधिक नरम सजा को रोकता है।
- पुनर्वास पर केंद्रित सजा:
- पहली बार के या मामूली अपराधियों को सजा के कुछ हिस्से में साधारण कारावास दिया जा सकता है जिससे सुधार का मौका मिले।
मिश्रित सजा के उदाहरण
कुल सजा अवधि | कठोर कारावास | साधारण कारावास |
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3 वर्ष | 2 वर्ष | 1 वर्ष |
5 वर्ष | 3 वर्ष | 2 वर्ष |
1 वर्ष | 6 महीने | 6 महीने |
धारा 7 के प्रमुख शब्द
- किसी भी प्रकार का कारावास: ऐसी सजा जहाँ अदालत कठोर या साधारण कारावास का विकल्प चुन सकती है।
- कठोर कारावास: श्रम कार्य सहित कारावास; अधिक गंभीर माना जाता है।
- साधारण कारावास: केवल कैद, बिना श्रम कार्य के।
- अदालत का अधिकार: कारावास की प्रकृति तय करने का अदालत का अधिकार।
बीएनएस की धारा 7 में सजा
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 7 अदालतों को सजा की प्रकृति तय करने का अधिकार देती है। यह प्रावधान उचित और न्यायसंगत सजा सुनिश्चित करता है, जिसमें दंडात्मक उपायों और सुधारात्मक दृष्टिकोण के बीच संतुलन बना रहता है। कठोर और साधारण कारावास के बीच का भेद सजा को अपराध की गंभीरता और अपराधी की परिस्थितियों के अनुसार तय करने की सुविधा देता है।