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What is BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) Section 22? Complete Details

BNS Section 22 in Hindi

BNS Section 22 in Hindi – मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति वह होता है, जो वास्तविकता को समझने में असमर्थ होता है। ऐसा व्यक्ति सही-गलत का अंतर नहीं कर पाता। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 22 मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराधों के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है। यह प्रावधान न्याय और सहानुभूति का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

मानसिक विकृति के प्रकार

नीचे दिए गए चार श्रेणियों के व्यक्ति बीएनएस धारा 22 के अंतर्गत आते हैं:

मानसिक स्थितिविवरण
जड़-बुद्धिजन्मजात मानसिक विकृति
विक्षिप्तताअस्थायी पागलपन के दौरे
मानसिक दौर्बल्यलंबी बीमारी के कारण मानसिक असंतुलन
मानसिक रोगीस्थायी मानसिक विकार

What is BNS Section 22 in Hindi

बीएनएस धारा 22 (पूर्व में आईपीसी धारा 84) कहती है कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक विकृति के कारण अपराध करता है और उसे अपने कार्य की प्रकृति या कानूनी दंड का बोध नहीं होता, तो उसे अपराधी नहीं माना जाएगा।

लेकिन अपवाद क्या हैं?

नशीले पदार्थों (शराब, ड्रग्स, गांजा आदि) के प्रभाव में किया गया अपराध इस धारा के तहत माफी योग्य नहीं होगा।

महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय

1. सेराली वली मोहम्मद बनाम महाराष्ट्र राज्य, 1972

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ तब तक माना जाएगा, जब तक कि इसके विपरीत साबित न हो। अभियुक्त को यह सिद्ध करना होगा कि अपराध के समय वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था और उसे अपने कार्य की समझ नहीं थी।

बीएनएस धारा 22: प्रमुख बिंदु

  • यह धारा केवल कानूनी मानसिक विकृति को मान्यता देती है, चिकित्सीय विकृति को नहीं।
  • इस धारा के तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को स्वतंत्र नहीं किया जाता, बल्कि उसे उपचार हेतु मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाता है।
  • अभियुक्त को स्वयं प्रमाणित करना होता है कि अपराध के समय वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था।
  • यह धारा उन मामलों पर लागू नहीं होती, जहां मानसिक विकृति शराब या नशीले पदार्थों के कारण हुई हो।

Importance of BNS Section 22 in Hindi

यह धारा मानसिक विकृति से पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करती है और उन्हें उचित उपचार दिलाने में सहायक होती है। यह प्रावधान समाज में न्याय और मानवता का समावेश करता है।

सारांश सारणी

बिंदुविवरण
धाराबीएनएस धारा 22
पूर्व धाराआईपीसी धारा 84
आवेदनमानसिक रूप से विकृत व्यक्ति
अपवादनशीले पदार्थों के प्रभाव में किया गया अपराध
न्यायालय की प्रक्रियामानसिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार
BNS Section 22 in Hindi
BNS Section 22 in Hindi

FAQs – BNS Section 22 in Hindi

1. क्या मानसिक विकृत व्यक्ति को पूरी तरह से दोषमुक्त कर दिया जाता है?

नहीं, ऐसे व्यक्तियों को दंडित नहीं किया जाता, लेकिन उन्हें उपचार हेतु मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में भेजा जाता है।

2. क्या शराब या ड्रग्स के प्रभाव में किया गया अपराध इस धारा के तहत क्षमा योग्य है?

नहीं, नशीले पदार्थों के प्रभाव में किया गया अपराध माफ नहीं किया जाता।

3. अभियुक्त को अपनी मानसिक विकृति साबित करनी होती है या नहीं?

हां, अभियुक्त को यह साबित करना होता है कि अपराध के समय वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था।

Read More: What is BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) Section 21? Complete Details

References:

  1. Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023Legislative Department, Ministry of Law and Justice
  2. Mental Healthcare Act, 2017National Institute of Mental Health and Neurosciences (NIMHANS)
  3. Supreme Court of India JudgmentsSupreme Court of India Official Website
  4. Indian Penal Code (IPC) – Section 84India Code Website
  5. National Human Rights Commission (NHRC) GuidelinesNHRC Official Website

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