Home Indian Constitution What is BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) Section 20?

What is BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) Section 20?

BNS Section 20 in Hindi

BNS Section 20 in Hindi – बीएनएस (Bharatiya Nyaya Sanhita) एक व्यापक कानूनी दस्तावेज़ है, जो विभिन्न अपराधों और उनके दंडों को परिभाषित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएनएस की धारा 20 क्या कहती है? यदि नहीं, तो इस लेख में हम आपको सरल शब्दों में समझाएंगे।


बीएनएस की धारा 20 का सारांश

बीएनएस की धारा 20 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के बच्चे द्वारा किया गया कोई भी कार्य अपराध नहीं माना जाता है। इसका अर्थ है कि इस आयु के बच्चों को कानून के अनुसार आपराधिक कृत्य के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।

उदाहरण: यदि कोई 5 साल का बच्चा खेलते समय गलती से पड़ोसी की खिड़की तोड़ देता है, तो उसे आपराधिक रूप से ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।


धारा 20 का उद्देश्य (Purpose of BNS Section 20)

बीएनएस, 2023 के तहत धारा 20 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कानूनी रूप से अपराध के लिए उत्तरदायी न ठहराया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र में बच्चे सही और गलत के बीच स्पष्ट अंतर नहीं समझ पाते।

  • मानवता आधारित दृष्टिकोण: यह धारा बच्चों के मानसिक विकास और उनकी मासूमियत को ध्यान में रखती है।
  • कानूनी सुरक्षा: छोटे बच्चों को अनजाने में की गई गलतियों के लिए कठोर दंड से बचाती है।

BNS Section 20 के प्रमुख बिंदु (Key Highlights)

प्रावधानविवरण
लागू आयुसात वर्ष से कम उम्र के बच्चे
आपराधिक ज़िम्मेदारीलागू नहीं
कानूनी संरक्षणहां, बच्चों को सुरक्षा प्रदान करता है
उद्देश्यबच्चों की मासूमियत और मानसिक विकास को सुरक्षित रखना

FAQs for BNS Section 20

  1. बीएनएस धारा 20 क्या है?
    यह धारा कहती है कि 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा किया गया कोई भी कार्य अपराध नहीं है।
  2. क्या 6 साल के बच्चे को अपराध के लिए सजा दी जा सकती है?
    नहीं, 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपराध के लिए कानूनी रूप से ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
  3. बीएनएस किस दिन लागू हुआ?
    बीएनएस अधिनियम 1 जुलाई, 2024 से लागू हुआ।
BNS Section 20 in Hindi
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Facts about BNS Section 20

  • बीएनएस, भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लागू हुआ है।
  • यह अधिनियम 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आया।
  • बीएनएस 358 धाराओं के साथ लागू हुआ है।
  • महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।

References

  1. भारत सरकार की विधि और न्याय मंत्रालय (Ministry of Law and Justice)
  2. भारत का राजपत्र (The Gazette of India)
  3. भारतीय संसद (Parliament of India)
  4. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB)
  5. भारत का न्यायिक पोर्टल (eCourts)
  6. PRS Legislative Research

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